बुद्धिमता
अपनी ऊर्जा का पूरी काबिलियत के साथ इस्तेमाल करने की बजाय, अपने भीतर और बाहर सही वातावरण बनाने की बजाय, दुर्भाग्य से हम हमेशा ऐसी चीजें ढूंढते रहते हैं जो हमारे लिए ये सब कर दें।
जग्गी वासुदेव |
आज सुबह से शाम तक आपने कैसा अनुभव किया, यह आप पर निर्भर करता है। अपने आसपास के लोगों के साथ आप का कितना टकराव है, यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने आसपास के लोगों और परिस्थितियों को और उनकी सीमाओं और संभावनाओं को समझने में कितने असंवेदनशील रहे। यह इस बात से बिल्कुल भी तय नहीं होता कि आप कौन-सा भाग्यशाली पत्थर या ताबीज पहने हुए थे।
यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी संवेदनशीलता, बुद्धिमत्ता और जागरूकता के साथ अपने आसपास के जीवन को देखते हैं, काम करते हैं, और रहते हैं। एक दिन दो इंसान हवाई अड्डे पर मिले। उनमें से एक बहुत ही ज्यादा दु:खी और परेशान दिख रहा था। दूसरे ने पूछा, ‘आप को क्या हुआ है?’ पहला बोला, ‘क्या-क्या बताऊं? मेरी पहली पत्नी कैंसर से मर गई, दूसरी पड़ोसी के साथ भाग गई, बेटा जेल में है क्योंकि उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की, मेरी 14 साल की बेटी गर्भवती है, मेरे घर पर बिजली गिर पड़ी, शेयर बाजार में आज मेरे सारे शेयर्स के भाव गिर गए।
और आज मेरी मेडिकल रिपोर्ट आई है, जिससे पता चला है कि मुझे एड्स है।’ दूसरा बोला, ‘ओह, आप का भाग्य कितना खराब है! वैसे, आप काम क्या करते हैं?’ पहले ने जवाब दिया, ‘मैं लकी चार्मज बेचता हूं’! बात यह है कि यदि आप एक खास तरह के हैं तो एक खास तरह की चीजें आप की ओर आकर्षित होंगी। अगर आप किसी दूसरी तरह के हैं, तो फिर कुछ और तरह की चीजें आप के लिए होंगी।
अगर किसी स्थान पर एक फूलों वाली झाड़ी है, और एक कंटीली और सूखी झाड़ी है, तो सभी मधुमक्खियां फूलों वाली झाड़ी की ओर जाएंगी। फूलों वाली झाड़ी भाग्यशाली नहीं है, बस उसके पास सुगंध है, जो आप को दिखती भी नहीं, जो सब कुछ अपनी ओर आकर्षित कर रही है। लोग कंटीली और सूखी झाड़ी से दूर रहते हैं क्योंकि वह एक अलग तरह की परिस्थिति तैयार करती है। शायद उन दोनों ही झाड़ियों को पता नहीं कि वे क्या बना रही हैं, पर हो वही रहा है, जो होना चाहिए।
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