दाहिना हाथ
कोई भी वस्तु लेने या देने के लिए परिजन अक्सर हमें बाएं की जगह दायां हाथ के इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं. क्या है इसका विज्ञान? इसका एक कारण है कि शरीर में हृदय बाई तरफ है.
जग्गी वासुदेव (फाइल फोटो) |
मानव प्रणाली कुछ इस तरह बनी है कि आपको शरीर के दाहिने भाग के जितना बाएं भाग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मगर दाहिने हाथ से ही कुछ लेने या देने का रिवाज क्यों है? दरअसल, बाएं और दाहिने की गुणवत्ता बहुत भिन्न होती है. दाहिने हाथ या पैर को बाएं के ऊपर रखें या बाएं को दाहिने के ऊपर, इससे बहुत अंतर पड़ता है. बायां भाग स्त्रैण होता है, उसे सुरक्षा और पोषण की जरूरत होती है.
आपका दाहिना भाग पुरुष प्रकृति को दशर्ता है. बायां अधिक संवेदनशील होता है. बाएं हाथ को सिर्फ तभी इस्तेमाल करें जब किसी चीज को बहुत हल्के से छूने की जरूरत हो. जैसे गोल्फ खेलने के लिए आपको अपने दिमाग से पुरुष प्रकृति को काफी हद तक निकालना पड़ता है. जीवन यापन की सभी प्रक्रियाओं के लिए हम दाहिने हाथ का इस्तेमाल करते हैं. आप कोई बहुत सूक्ष्म या गूढ़ चीज करते हैं, तो बाएं हाथ का इस्तेमाल करना चाहिए. स्त्रैण की यही प्रकृति है, और बायां भाग स्त्री प्रकृति से जुड़ा है.
हम धरती पर जीवन-यापन की प्रक्रिया को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बना रहे हैं, जो जीने का एक मूर्खतापूर्ण तरीका है. ऐसा करने पर स्त्री प्रकृति के लिए बहुत गुंजाइश नहीं रह जाती क्योंकि अपने और आसपास के लोगों की जरूरतों को पूरा करना मुख्य रूप से एक पुरुष प्रकृति से जुड़ी प्रक्रिया है.
स्त्री प्रकृति के काम करने के लिए बाएं हिस्से को कोमल और सजग रखना होगा. दाहिना हाथ दुनिया के काम करने के लिए है. कुछ लोगों का दिल जन्म से ही दाहिनी ओर होता है. उसी तरह, कुछ लोग जन्म से ही ‘लेफ्ट हैंडेड’ होते हैं. उनकी ऊर्जा इस तरह व्यवस्थित होती है कि स्वाभाविक रूप से बाएं हाथ का ही इस्तेमाल करते हैं. मगर कुदरती तौर पर आप बाएं के मुकाबले दाहिने हाथ से अधिक काम कर सकते हैं. बाएं भाग को अलग तरह से रखा जाना चाहिए क्योंकि उसे अलग मकसद से बनाया गया है.
आपको अपने बाएं भाग को उतने आक्रामक तरीके से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जैसे आप दाहिने भाग को करते हैं. उसे ग्रहणशीलता के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए वरना आपके अंदर ग्रहणशीलता नहीं बचेगी.
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