स्वर्ग-नरक
जिस प्रकार चौरासी लाख योनियां हैं, उसी प्रकार चौरासी लाख नरक भी हैं, जिन्हें मनुष्य अपने कर्मफल के रूप में भोगता है. तुम पूछते हो-जीवन क्या है? तुम्हें जानना होगा.
आचार्य रजनीश ओशो |
मैं कोई उत्तर दूं; वह मेरा उत्तर होगा. शांडिल्य कोई उत्तर दें, वह शांडिल्य का उत्तर होगा. उधारी से कहीं जीवन निकला है. बजाय तुम बाहर उत्तर खोजो, तुम अपने को भीतर समेटो. शास्त्र कहते हैं, जैसे कछुवा अपने को समेट लेता है भीतर, ऐसे तुम अपने को भीतर समेटो.
तुम्हारी आंख भीतर खुले, और तुम्हारे कान भीतर सुनें, और तुम्हारे नासापुट भीतर सूंघें, और तुम्हारी जीभ भीतर स्वाद ले, और तुम्हारे हाथ भीतर टटोलें, और तुम्हारी पांचों इंद्रियां अंतर्मुखी हो जाएं; जब तुम्हारी पाचों इंद्रियां भीतर की तरफ चलती हैं, केंद्र की तरफ चलती हैं, तो एक दिन वह अहोभाग्य का क्षण निश्चित आता है जब तुम रोशन हो जाते हो. जब तुम्हारे भीतर रोशनी ही रोशनी होती है वही जीवन का सार है. उत्तरों में नहीं मिलेगा समाधान. समाधि में समाधान है. पूरब के किसी मनीषी के संबंध में कुछ भी पता नहीं. पश्चिम के लोग बहुत हैरान होते है. और उनका कहना ठीक ही है कि पूरब के लोगों को इतिहास लिखना नहीं आता. उनकी बात सच है. लेकिन पूरब की मनीषा को भी समझना चाहिए.
पूरब के लोग इतना लिखने के आदी रहे है-सबसे पहले भाषाएं पूरब में जन्मी, ‘सबसे पहले किताबें पूरब में जन्मी, सबसे पहले पूरब में लिखावट पैदा हुई, सबसे पुरानी किताबें पूरब के पास है-तो जिन्होंने वेद लिखे, उपनिषद लिखे, गीता लिखी, वे चाहते तो इतिहास न लिख सकते थे! किन्तु जान-बूझकर नहीं लिखा. उनकी बात भी समझनी चाहिए. जिन्होंने कहा संसार माया है, वे इतिहास लिखें तो कैसे लिखें! किस बात का इतिहास! बबूलों का इतिहास! इंद्रधनुषों का इतिहास! जो है ही नहीं, उसका इतिहास! पश्चिम ने इतिहास लिखा, क्योंकि पश्चिम ने बाहर के जगत को सत्य माना है.
इतिहास लिखने के पीछे बाहर के जगत को सत्य मानने की दृष्टि है. सत्य है, तो महत्त्वपूर्ण है. तुम सुबह उठकर अपने सपने तो नहीं लिखते! जाग गए, बात खतम हो गई. सपना भी कोई लिखने की बात है! तुम डायरी में अपने सपने नहीं लिखते. हालांकि पश्चिम में लोग सपने भी डायरी में लिखते हैं. जब बड़े सपने को मान लिया, तो छोटे सपने को भी मानना पड़ता है. और जिन्होंने बड़ा सपना ही इनकार कर दिया, वे छोटे सपने की क्या फिकर करें? सपने के भीतर सपना है!
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