घर के मंदिर में दो शंख नहीं रखें
धर्मशास्त्रों के अनुसार घर के मंदिर में दो शंख नहीं रखें. जहां तक हो इससे बचाव करें.
घर के मंदिर में दो शंख नहीं रखें |
इसके साथ ही धर्मशास्त्रों में यह भी कहा गया है कि घर के मंदिर में 2 शिवलिंग, तीन गणेश, दो सूर्य प्रतिमा, एक ही देवी की तीन प्रतिमा, दो शालिग्राम नहीं होने चहिए.
इसके साथ ही घर में रखी कोई भी मूर्ति 9 इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए.
नित्य प्रति देवी की एक, सूर्य की सात, गणेशजी की तीन और विष्णुजी की चार एवमं शिवजी की अढ़ाई परिक्रमा भी करनी चाहिए.
शंख की महता को जानें:-
हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्व है.कोई भी पूजा शंख ध्वनि के बिना अधूरी मानी जाती है.
पुराणों के अनुसार शंख की उत्पति समुद्र मंथन के समय हुई है. शंख के अनेक चमात्कारी लाभ हैं.
ब्रहृमवैव्रत पुराण के अनुसार पूजा करते समय शंख में जल रखने से और उस जल को पूजा स्थल पर छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है.
शंख में गंधक और कैलशियम होता है. इसलिए उस में रखा जल रोगमुक्त होता है. यह जल वायुमंडल में उन नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है.
शंख बजाने वाले व्यक्ति को कभी भी हृदय रोग नहीं होता है. इससे कंठ मधुर होता है.
चरक संहिता में भी शंख के अनेक बताएं गएं हैं. शंख से बनाई भस्म से पीलिया, पथरी और पेट के अनेक रोग दूर हो जाते हैं.
योग शास्त्र में भी शंख मुद्रा का विशेष महत्व बताया गया है.
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