सीपीईसी को लेकर शी से जताई चिंता

Photos: मोदी ने सीपीईसी को लेकर शी के समक्ष जताई चिंता

भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और क्षेत्र से उपजने वाले आतंकवाद पर चीन के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति ‘संवेदनशील’ होना चाहिए. मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ‘राजनीतिक हितों’ से प्रेरित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, स्थायी द्विपक्षीय संबंधों को सुनिश्चित करने के लिए ‘‘यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की महत्वाकांक्षाओं, चिंताओं और राणनीतिक हितों का सम्मान करें’’. जी 20 सम्मेलन से पहले शी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले 46 अरब डॉलर लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर चिंता जाहिर की है. ऊर्जा से जुड़ी कई परियोजनाओं के अलावा सीपीईसी में ग्वादर पत्तन से पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते शिनजियांग के काशघर तक तेल और गैस ले जाने के लिए रेल, सड़क और पाइपलाइनें हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से जब पूछा गया कि क्या सीपीईसी वाले क्षेत्र से आतंकवाद के उपजने के बारे में चर्चा हुई है, तो उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि यह मुद्दा बैठक के दौरान उठाया जा रहा है. मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों को ही एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति ‘संवेदनशील’ होने की जरूरत है. उन्होंने ‘नकारात्मक धारणा को बढ़ने से रोकने’ के लिए विशिष्ट कदम उठाने का आह्वान किया. स्वरूप ने शी के साथ चली लगभग 30 मिनट की बैठक में मोदी द्वारा उठाए गए मुद्दों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सैद्धांतिक तौर पर, दोनों देशों को एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा.’’ मोदी और शी की यह आठवीं मुलाकात है.

 
 
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