सत्यार्थी और मलाला को शांति का नोबेल पुरस्कार

 भारत के सत्यार्थी और पाक की मलाला को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को बुधवार को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया. नार्वे की नोबेल समिति के प्रमुख थोर्बजोर्न जगलांद ने पुरस्कार प्रदान करने से पहले अपने संबोधन में कहा, ‘‘सत्यार्थी और मलाला निश्चित तौर पर वही लोग हैं जिन्हें अलफ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में शांति का मसीहा कहा था’’. उन्होंने कहा, ‘‘एक लड़की और एक बुजुर्ग व्यक्ति, एक पाकिस्तानी और दूसरा भारतीय, एक मुस्लिम और दूसरा हिंदू, दोनों उस गहरी एकजुटता के प्रतीक हैं जिसकी दुनिया को जरूरत है. देशों के बीच भाईचारा..’’. सत्यार्थी (60) ने इक्लेट्रिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बाल अधिकार के क्षेत्र में काम करना आरंभ किया और वह ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ नामक गैर सरकारी संगठन का संचालन करते हैं. दूसरी ओर तालिबान के हमले में बची 17 साल की मलाला लड़कियों की शिक्षा की पैरोकारी करती हैं. शांति के नोबेल के लिए दोनों के नामों का चयन नोबेल शांति पुरस्कार समिति ने बीते 10 अक्टूबर को किया था. सत्यार्थी और मलाला को नोबेल का पदक मिला जो 18 कैरेट ग्रीन गोल्ड का बना है और उस पर 24 कैरेट सोने का पानी चढा हुआ है और इसका कुल वजन करीब 175 ग्राम है. वे 11 लाख की पुरस्कार राशि को साझा करेंगे.

 
 
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