भारत-द अफ्रीका में कई समझौतों पर दस्तखत

Photos: भारत, दक्षिण अफ्रीका रक्षा, विनिर्माण क्षेत्र में संबंधों को और गहरा बनायेंगे

भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अपने पारंपरिक संबंधों को रेखांकित करते हुए रक्षा उत्पादन, विनिर्माण, खनन और खनिज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को गहरा बनाने पर सहमति व्यक्त की है, साथ ही आतंकवाद से ‘सक्रियता’ से निपटने में सहयोग करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे में सहयोग करने का संकल्प व्यक्त किया. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ विस्तृत चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को रक्षा उपकरण एवं प्लेटफार्म विनिर्माण के लिए एक आकर्षक स्थल के रूप में पेश किया. मोदी ने कहा कि दोनों देश न केवल एक दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका वैश्विक स्तर पर प्रमुख रक्षा उत्पादक देश है. बैठक के दौरान मोदी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने के लिए राष्ट्रपति जैकब जुमा को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हम दक्षिण अफ्रीका जैसे हमारे मित्र के सक्रिय समर्थन पर भरोसा कर सकते हैं.’’ ऐसी खबरें थी कि 48 सदस्यों वाले परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने के भारत के प्रयास पर आपत्ति करने वाले कुछ देशों में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल था. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध मजबूत और ठोस उपलब्धियों की कहानी है. उन्होंने कहा कि कारोबार और निवेश विशेष तौर पर खनिज और खनन, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स, विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाने की क्षमता है. राष्ट्रपति जुमा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने महात्मा गांधी का जिक्र किया और कहा कि वे भारत के उतने ही हैं जितने दक्षिण अफ्रीका के. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मेरी यह यात्रा उन दो महान विभूतियों, महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जो इस पृथ्वी पर आए.’’ आतंकवाद से निपटने के बारे में चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि यह हमारे समाज की बुनियाद पर हमला करता है और दोनों देशों ने इससे सक्रियता से निपटने में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है.

 
 
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