जानिए, नवरात्र में क्या करना चाहिए और क्या नहीं

जानिए, नवरात्र में क्या करना चाहिए और क्या नहीं

नवरात्र शक्ति की भक्ति और आराधना का पर्व है. चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू हो रहे हैं. नौ दिन भक्त देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. इस दिन से ही हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है. नवरात्र में पूरे नौ दिन तक मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने पर व्रती और भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. महिला ज्योतिषाचार्य केता देवी बताती हैं कि प्रथम दिवस से लेकर नवमी/दशमी तक प्रतिदिन पूजन करना चाहिए व दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. श्रद्धानुसार मां की अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित करनी चाहिए. अष्टमी के दिन बेदी की कढ़ाही करें और हलवा पूरी से कन्या व लंगूर को भोजन करायें. मां की पूजा के लिए गंगा जल, रोली, मौली, पान, सुपाड़ी, धूपबत्ती व घी का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए. फल-फूल की माला, बिल्व पत्र, चावल, केले के पत्ते का खम्भा, बंदनवार के लिए आम के पत्ते, चंदन, नारियल, हल्दी की गांठ, पंचरत्न, लाल वस्त्र, चावल से भरा पात्र, जौ, बताशा, सुगंधित तेल, श्रंगार सामग्री, सिंदूर, कपूर, नैवैद्य के लिए फल, पंचामृत, दूध, दही, चीनी, शहद, गौ-दुग्ध और दुर्गा जी की मूर्ति, कुंवारी पूजन के लिए वस्त्र-आभूषण आदि पूजन में रखना चाहिए. आगे जानिए, नवरात्र में क्या करें और क्या न करें...

 
 
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