नयी चुनौतियों का समाधान करने में नाकाम UN

संयुक्त राष्ट्र शांति, सुरक्षा की नयी चुनौतियों का समाधान करने में नाकाम: भारत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि 70 साल पहले स्थापित विश्व निकाय अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति उत्पन्न नयी चुनौतियों का समाधान करने में ‘‘निष्प्रभावी’’ दिखाई देता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा को गुरुवार को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि 70 वीं वषर्गांठ का ऐतिहासिक मौका ऐतिहासिक परिणाम के लिए उपयुक्त समय है. विश्व ईकाई को निशाने पर लेते हुए स्वराज ने कहा कि जब इन मापदंडों पर परखने की बात आती है कि क्या यह ईकाई संघर्ष को रोकने, इन संघर्ष का स्थायी समाधान निकालने या हिंसा के रास्ते पर जा रहे विश्व को शांति का मार्ग दिखाने में समक्ष हुई है तो यह ‘‘निष्प्रभावी संस्था नजर आती है.’’ स्वराज ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की नयी चुनौतियों के प्रभावी समाधान में यह असफल रहा है...जब हम अपने से पूछते हैं कि क्या दुनिया के कई हिस्सों में हो रहे संघर्षं को रोकने में सक्षम हुए हैं..जवाब है नहीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पूछें कि क्या हम इन संघर्षं का स्थायी हल निकालने में समक्ष हुए हैं, जवाब है नहीं. अगर हम पूछें कि हिंसा की राह पर जा रही दुनिया को शांति का पथ दिखाने में सक्षम हैं जवाब है नहीं.’ स्वराज ने कहा कि तीन महाद्वीपों में आज दुनिया युद्ध से तबाह है और सुरक्षा परिषद ‘‘रक्त प्रवाह को रोकने की अनिच्छुक या अक्षम है.’’ विदेश मंत्री ने कहा कि बल प्रयोग पर जोर देने वाला पारंपरिक समाधान केवल समस्या को और गहराने वाला सिद्ध हुआ है.

 
 
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