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- अंतिम बार आउट होने पर भाई से चर्चा की

तेंदुलकर ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपने भाई की राय पर भरोसा किया, भले ही वह इससे सहमत नहीं होते थे. उन्होंने कहा, ''मेरा भाई क्रिकेट खेल चुका था और जानता था कि क्या जरूरी है और उनसे मैं अपनी बल्लेबाजी तकनीक और खेल के मानसिक पहलू पर बात कर सकता था.''
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