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- तेंदुलकर ने फिर थामा बल्ला

तेंदुलकर ने कहा, ''मुझे लगता है कि कोच को सक्षम होना चाहिए और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह विदेशी कोच है या भारतीय कोच. कोच वह होता है तो टीम को मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में रखता है और अभ्यास सत्र का संचालन अच्छी तरह करता है.'' यह महान बल्लेबाज साथ ही भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम पर भी बात नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा, ''मैं इससे जुड़ा नहीं हूं इसलिए मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो तथ्यों को जाने बगैर कोई भी बयान दे. अगर मैं इससे जुड़ा होता तो कहने के लिए बेहतर स्थिति में होता.''
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