'बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं, इस पल का इंतजार था'

PICS: इतिहास रचकर बोलीं पीवी सिंधु -बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं, इस पल का इंतजार था

सिंधु ने कहा, ‘मैं यह जीत अपनी मां को समर्पित करती हूं। आज उनका जन्मदिन है। मैं उन्हें कोई उपहार देने के बारे में सोच रही थी और आखिर में मैं उन्हें यह स्वर्ण पदक उपहार में देती हूं। अपने माता पिता के कारण ही मैं आज यहां तक पहुंच पाई हूं।’

 
 
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