जब पिंकी ने उछाला टॉस..

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'स्माइल पिंकी' फेम भारत की पिंकी सोनकर ने विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल से पहले सिक्का उछालकर टॉस कर इतिहास रच दिया. मिर्ज़ापुर जिले के रामपुर ढबही की ग्यारह साल की पिंकी न्यूयार्क स्थित स्माइल ट्रेन का प्रतिनिधित्व कर रही थी.सफेद टीशर्ट और ट्राउजर में पिंकी ने दर्शकों का अभिवादन करते हुए सेंटर कोर्ट में प्रवेश किया. उसने अधिकारियों और फाइनल में खेल रहे दोनों खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलाने के बाद इनके साथ फोटो भी खिंचाए.ग्यारह साल की पिंकी न्यूयार्क स्थित स्माइल ट्रेन का प्रतिनिधित्व कर रही थी. स्माइल ट्रेन ने ही 2007 में पिंकी के कटे हुए होंठ का मुफ्त में उपचार कराने में मदद की थी.पिंकी की कहानी पर 2009 में ब्राजील की मेगन माइलन ने 39 मिनट की 'स्माइल पिंकी' डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई, जिसे ऑस्कर पुरस्कार मिला. स्माइल ट्रेन दुनिया की सबसे बड़ी गैर लाभकारी संस्था है जो कटे होंठ का इलाज कराती है. इस संस्था को इस साल पुरुष एकल के फाइनल में टॉस के लिए चैरिटी साझेदारी के रूप में चुना गया था. स्माइल ट्रेन का लक्ष्य उन लोगों को मुफ्त सर्जरी की सविधा मुहैया कराना हैं जो कटे हुए होंठ के साथ पैदा हुए हैं.

 
 
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