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- मिलिए रियल लाइफ के ‘कोच कबीर खान’ से

अपने कैरियर के संघर्षं के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ मैने 1982 एशियाई खेलों के बाद पहली बार हाकी उठाई तो मेरे पास स्टिक नहीं थी. यहां बिड़ला मंदिर के आसपास की पहाड़ियों में पेड़ों की टहनी से हाकी बनाकर खेलते थे. मैं पहली बार हाकी खेलने गया तो मेरी हाकी यह कहकर फेंक दी गई कि अब बिहारी और आटोरिक्शा वाले भी हाकी खेलेंगे.’’
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