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- जूनियर विश्व कप हाकी: 'अभी तो शुरूआत है, बहुत कुछ जीतना बाकी है'
तूफानी हॉकी का ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए भारतीय युवा ब्रिगेड ने बेल्जियम को 2-1 से पीटकर 15 साल के लंबे अंतराल के बाद जूनियर विश्व कप हॉकी का खिताब अपने नाम कर लिया. दूसरी बार विश्व कप जीतने वाली युवा टीम ने टोटल हॉकी का बेहतरीन नजारा पेश करते हुए ताकतवर बेल्जियम की बोलती बंद कर दी. भारत ने पहली बार 2001 में अर्जेंटीना को हराकर जूनियर विश्व कप जीता था. इसके 15 साल बाद भारतीय युवा तुर्कों ने नवाबों के शहर लखनऊ में आयोजित विश्व कप पर कब्जा जमाकर इतिहास रच दिया. गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज स्थित मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में रविवार की शाम दूधिया रोशनी में खेले गये खिताबी मुकाबले में भारत के लिए पहला गोल गुरजंत सिंह ने मैच के आठवें मिनट में दागकर जो बढ़त दिलाई उसके बाद तो अपने सनसनीखेज प्रदर्शन के लिए विख्यात बेल्जियम की सांसे ही उखड़ गयीं. गुरजंत ने डी पर मिले पास को पकड़कर तकरीबन जीरो कोण से तूफानी हिट जमाकर जो गोल दागा उसकी गूंज मैच के आखिर तक सुनाई देती रही. मैनेजर और सीनियर टीम के कोच ओल्टमेंस ने जब कहा ‘चक दे इंडिया’ तो पूरी टीम और मीडिया ने उनके साथ सुर में सुर मिलाकर यह नारे लगाया. फाइनल में टीम के प्रदर्शन को परफेक्ट करार देते हुए ओल्टमेंस ने कहा, ‘‘ पहला हाफ एकदम परफेक्ट था. दूसरे हाफ में कुछ चूक हुई लेकिन ओवरआल प्रदर्शन उम्दा रहा. यह पिछले दो साल से की जा रही मेहनत का नतीजा है और इसका श्रेय कोच को जाता है.’’