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- सानिया बनी ‘गोल्डन गर्ल’

विंबलडन का खिताब सानिया के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था. हालांकि इससे पहले मई में वह विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं. इन दो बड़ी कामयाबियों ने सरकार को उनका नाम खेल रत्न के लिये भेजने पर मजबूर किया. हालांकि आलोचकों ने इस बात को लेकर सवाल उठाए कि वह युगल खिलाड़ी हैं और उनकी सफलता में उनकी जोड़ीदार का भी हाथ होता है. सानिया ने अपने रैकेट से आलोचकों को आड़े हाथों लिया और एक के बाद एक कामयाबी हासिल करते हुये आलोचकों को बताया कि सफलता कैसे हासिल की जाती है.
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