फुटबॉल की दुनिया का बादशाह सैप ब्लाटर

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यह चकित नहीं करता कि फीफा अध्यक्ष के रूप में सैप ब्लाटर के पिछले 17 साल के कार्यकाल में जब कभी रिश्वतखोरी के मामले सामने आए, फीफा प्रमुख उसमें से ऐसे बचे जैसे उनके चारों ओर कोई अदृश्य सुरक्षा कवच हो. उन पर 2002 से ही वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं. पहली बार ब्लाटर 1998 में फीफा अध्यक्ष बने थे, इसके बाद से वह लगातार फुटबॉल की दुनिया के बादशाह बने हुए थे. उनका जन्म स्विट्जरलैंड के दूरस्थ इलाके विस्प में 1936 में हुआ था. ब्लाटर फुटबॉल की दुनिया में बादशाह बनने से पहले कई तरह के काम में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. अपनी युवावस्था में वे वेडिंग सिंगर थे, यानी शादियों में गाने गाते थे. इसके बाद वह खेल पत्रकार और पब्लिक रिलेशन का काम करने लगे. फुटबॉल की दुनिया में जुड़ने से पहले वह एक स्विस वॉच कंपनी में डिपार्टमेंटल डायरेक्टर थे. यह नौकरी उनके लिए फुटबॉल की दुनिया में प्रवेश का जरिया बनी. इसी नौकरी के चलते उन्हें 1972 और 1976 ओलंपिक में ऑफिशियल टाइमकीपर की जिम्मेदारी मिली. ओलंपिक में टाइमकीपर की भूमिका निभाने के अनुभव के चलते ब्लाटर 1975 में टेक्निकल डायरेक्टर के तौर पर फीफा से जुड़े.

 
 
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