भारत में नहीं थम रही बाल विवाह की गंभीर समस्या!

नहीं थम रही बाल विवाह की गंभीर समस्या, बांग्लादेश के बाद दूसरे स्थान पर भारत

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2000 से 2012 के बीच भारत बाल विवाह के मामले में दूसरे स्थान पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अभी टीकाकरण दायरे में सुधार करने और लिंग आधारित पसंद पर रोक लगाने की जरूरत है. अपनी रिपोर्ट 'इंप्रूविंग चिल्डे्रन्स लाइव्स, ट्रांसफार्मिंग द फ्यूचर-25 इयर ऑफ चाइल्ड राइट्स इन साउथ एशिया' में संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने एक खास अवधि में उन प्रमुख मुद्दों पर हुई प्रगति का विश्लेषण किया, जिसने सीधे तौर पर क्षेत्र के बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है. भारत में वर्ष 2000 से 2012 के बीच पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की आबादी सर्वाधिक थी. उनमें से 7.1 करोड़ बच्चों के जन्म का पंजीकरण नहीं हुआ. हालांकि दक्षिण एशिया में वर्ष 2000 से जन्म पंजीकरण में वृद्धि हुई है लेकिन प्रगति धीमी है.

 
 
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