रूस, मध्य एशिया के दौरे पर मोदी

रूस, मध्य एशिया के दौरे से संबंधों को बढ़ाने में मदद मिलेगी- मोदी

छह जुलाई से मध्य एशिया के पांच देशों और रूस की आठ दिवसीय यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई कि इससे इन देशों के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही ब्रिक्स और एससीओ देशों के साथ भी संबंधों में सुधार आएगा. प्रधानमंत्री इन दोनों संगठनों की बैठक में शामिल होंगे. वह उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान का दौरा करेंगे. वह रूस भी जाएंगे जहां वह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और रूस के उफा में छह देशों के संघाई सहयोग संगठन में भाग लेंगे. मोदी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘मेरा पहला दौरा उज्बेकिस्तान का होगा जो मध्य एशिया का सबसे सघन आबादी वाला देश है. भारत और उज्बेकिस्तान के बीच निकट रणनीतिक साझेदारी है. मुझे विश्वास है कि इस दौरे से भारत-उज्बेकिस्तान संबंधों को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.’’ उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान में वह राष्ट्रपति कारीमोव से वार्ता करेंगे और दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘‘महत्वपूर्ण समझौतों’’ पर दस्तखत करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम उज्बेकिस्तान के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं और वाणिज्य एवं आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करना चाहते हैं.’’ मोदी ने कहा कि उज्बेकिस्तान में भारतीय सिनेमा, हिंदी भाषा और संगीत काफी लोकप्रिय हैं और वह हिंदी सीखने वाले छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बाचतीत करेंगे. उज्बेकिस्तान में तीन हजार से ज्यादा भारतीय हैं. दौरे के समय वह ‘‘भारत के सपूत’’ लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ताशकंद में हमने सबसे लोकप्रिय नेताओं और सबसे सम्मानित नेता श्री लालबहादुर शास्त्री जी को खो दिया जिन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ के नारे से देश को नयी दिशा दिखाई.’’ इसके बाद मोदी सात जुलाई को कजाकिस्तान जाएंगे जो मध्य एशियाई देशों में सबसे बड़ा देश है.

 
 
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