नेपाल, चीन, जापान में भी पूजनीय हैं गणेश

PICS: भारत, नेपाल से लेकर चीन, जापान में भी पूजनीय हैं गणपति

‘गणपति बप्पा मोरया...’ की गूंज शुक्रवार से न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी गूंजेगी. इतिहास के पन्नों में झांकने से ऐसे प्रमाण मिले हैं कि विदेशों में भी गणपति की पूजा जोरशोर से की जाती है. चीन, जापान, बोर्नियो, अफगानिस्तान, कम्बोडिया, म्यांमार, मंगोलिया, काबुल सहित तमाम देशों में गणेश जी को अनेक नामों से जाना जाता है. जिससे स्पष्ट होता है कि सिद्धि विनायक की आराधना का जो दीप शताब्दियों से पूर्व प्रज्वलित हुआ, वह आज भी न केवल भारत बल्कि अन्य कई देशों में भी जल रहा है. ज्योतिषाचार्य दीपक पाण्डेय बताते हैं कि चीन में खड़े होकर गले मिलते हुए दो गणेश की प्रतिमा मिली थी. चीन के बौद्ध साहित्य से ज्ञात हुआ है कि आठवीं शताब्दी के मध्य में चीन ने भारत से धर्म संस्कृति के रूप में बहुत कुछ लिया था. इसीलिए चीन के नागरिक जब भी भारत आते हैं गणेश पूजा की परम्परा को निभाते हुए गणपति की मूर्तियां भी ले जाते हैं. चीन की भाषा में गणेश जी को ‘कुवान सी पिएन’ के नाम से जाना जाता है.

 
 
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