तसलीमा की ‘लज्जा’ के 20 साल

PICS: तसलीमा की ‘लज्जा’ के 20 साल पूरे, नये सिरे से अनुवाद

विवादास्पद उपन्यास ‘लज्जा’ की 20वीं वर्षगांठ पर लेखिका तसलीमा नसरीन की बंगाली भाषा में लिखी इस कृति का अब नये सिरे से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है. कार्यकर्ता और लेखिका अचिंत घटक द्वारा अनुवादित ‘लज्जा’ का पेंग्वीन प्रकाशन का यह 20वां उन्नत संस्करण है. नसरीन ने कहा, ‘‘यह वृतचित्र उपन्यास जैसा है. इसमें काल्पनिक चरित्र हैं जो तथ्यों पर आधारित हैं. लज्जा लम्बे समय तक सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक बनी रही है. यह लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवादित और प्रकाशित की गई है और फ्रेंच, जर्मन, इतालवी, स्पैनिश, डच जैसी विदेशी भाषाओं में भी इसका अनुवाद हुआ है.’’ ‘लज्जा’ में 1992 के साम्प्रदायिक दंगों के दौरान बांग्लादेश में रहने वाले एक बंगाली परिवार दत्ता और उसके संघर्ष की कहानी कही गई है जब अयोध्या में विवादास्पद ढांचा ध्वस्त हुआ था.

 
 
Don't Miss