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- 'पूरी दुनिया को जोड़ेगी नालंदा यूनिवर्सिटी'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय नहीं परंपराओं का एक स्वरूप है जो कभी मरती नहीं, परिस्थितिवश कभी-कभी विलुप्त हो जाती हैं. लेकिन आस्था रखने वाले लोग एक दिन उन परंपराओं की शुरुआत दोबारा जरूर करते हैं. गुप्त काल में छठीं शताब्दी में शुरू हुए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को 1193 ईस्वी में तुर्की शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के सिपहसालार बख्तियार खिलजी ने ध्वस्त कर दिया था. इसके अवशेष से 12 किलोमीटर की दूरी पर इस विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य गत एक सितंबर से ही शुरू हो गया था. राजगीर स्थित कंवेंशन सेंटर में शुक्रवार को नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन करते हुए सुषमा ने कहा कि वह यहां आकर अभिभूत हैं और आज का दिन उनके लिए बहुत ही गौरव का दिन है. उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति यह विश्वविद्यालय ज्ञान के माध्यम से भारत को पूरी दुनिया से जोड़ने के लिए सेतु और नींव के रूप में काम करेगा.