सैकड़ों वेटिंग वालों की बढ़ी धड़कन

PICS: ट्रेनों में तिल रखने की जगह नहीं, सैकड़ों वेटिंग वालों की बढ़ी धड़कन

दशहरा, गांधी जयंती और बकरीद पर लगातार छुट्टियों के चलते लौटने वालों की वजह से नियमित और स्पेशल ट्रेनों में तिल रखने की जगह नहीं है. ट्रेनों में आरक्षण फुल हो जाने के बाद वेटिंग वाले सैकड़ों मुसाफिरों की धड़कनें बढ़ गयी हैं. लौटने वालों के चलते सबसे ज्यादा भीड़ पांच और छह अक्टूबर की ट्रेनों में है. आलम यह है कि दिल्ली की कुछ ट्रेनों में अब वेटिंग के टिकट पर रोक लग गयी है. त्योहारों पर आने वालों को इस बात की चिंता सतायी जा रही है कि उनकी वापसी कैसे होगी? दिल्ली की ट्रेनों में सर्वाधिक भीड़ है. स्थिति यह है कि बरौनी से नई दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस (12553) में पांच अक्टूबर को स्लीपर और थर्ड एसी में अब वेटिंग के टिकट पर रोक लग गयी है, जबकि छह अक्टूबर को भी स्लीपर श्रेणी में वेटिंग का टिकट नहीं बन रहा है. दिल्ली वापस जाने वालों की स्थिति यह है कि रोजाना लोग आरक्षण केन्द्रों में जा रहे है और पूछताछ काउण्टरों पर घंटों मशक्कत के बाद निराश होकर लौट रहे है, क्योंकि किसी भी ट्रेन में तिल रखने की जगह नहीं है. लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली विशिष्ट ट्रेन लखनऊ मेल पर नजर डालें तो पांच अक्टूबर को स्लीपर में 269, सेकेण्ड एसी में 113, थर्ड एसी में 145 और फर्स्ट एसी में बीस यात्री प्रतीक्षा सूची में है.

 
 
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