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- श्रीराम से भी जुड़ी है बसंत पंचमी
माघ के महीने की पंचमी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन को शास्त्रों में ऋषि पंचमी भी कहा गया है. बसंत पंचमी को विद्या की देवी सरस्वती की पूजा खास तौर पर की जाती है, बसंत की पहचान है पीले वस्त्र धारण करना. कहते हैं तो बसंत के आगमन की सूचना मात्र से ही फूलों पर स्वयंमेव बहार आ जाती है. खेतों मे सरसों सोने जैसी चमकने लगती है, जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगतीं हैं आमों के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियां मंडराने लगतीं है. बसंत पंचमी हमें त्रेता युग से जोड़ती है. रावण द्वारा सीता के हरण के बाद श्रीराम उसकी खोज में दक्षिण की ओर बढ़े. इसमें जिन स्थानों पर वे गये, उनमें दंडकारण्य भी था. यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी.
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