...जब विष्णुजी की शरण में गए भयभीत महादेव

...जब भगवान शिव हुए भयभीत, पहुंचे विष्णु जी की शरण में

भस्मासुर एक महापापी असुर था. वह विश्व का सबसे शक्तिशाली प्राणी बनकर सभी पर शासन करना चाहता था. वह भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त भी था. उसने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए वरदान पाने की लालसा में उसने भगवान भोलेनाथ की कड़ी तपस्या की. भस्मासुर की तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए और उससे वरदान मांगने को कहा. भस्मासुर ने उनसे अमर होने का वरदान मांगा, लेकिन भगवान शंकर ने कहा कि तुम्हारी मांग पूरी तरह से प्रकृति के नियम के खिलाफ है, क्योंकि जिसने पृथ्वी पर जन्म लिया है, उसका अंत एक न एक दिन निश्चित ही है. इसलिए तुम कुछ और मांग लो. तब भस्मासुर ने वरदान मांगा कि मैं जिसके भी सिर पर हाथ रखूं वह भस्म हो जाए. भगवान शंकर ने कहा- तथास्तु.

 
 
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