इस मंदिर को औरंगजेब भी नहीं कर पाया खंडित

PICS: जीण माता मंदिर को औरंगजेब भी नहीं कर पाया खंडित

जीण माता मंदिर जयपुर से लगभग 115 किलोमीटर दूर सीकर जिले की अरावली पहाड़ियों पर स्थित है. जीण माता का वास्तविक नाम जयंती माता है. माता को दुर्गा का अवतार माना जाता है. लोककथाओं और कविताओं के माध्यम से जीण माता के बारे में कई तरह की जानकारी मिलती है. लोककथाओं के अनुसार, राजस्थान के चुरू जिले के घांघू गांव में चौहान वंश में राजपूत के घर जीण माता का जन्म हुआ. उसके बड़े भाई का नाम हर्ष था. दोनों में काफी प्रेम था. एक दिन जीण और हर्ष की पत्नी नदी से पानी लेने गई जहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर तकरार हो गई. उनके साथ गांव की अन्य सहेलियां भी थीं. अंत में दोनों ने यह शर्त रखी कि दोनों पानी से भरे मटके को घर लेकर चलती हैं. जिसका मटका हर्ष पहले उतारेगा, उसके प्रति हर्ष का अधिक स्नेह समझा जाएगा.

 
 
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