जानें रिक्टर स्केल के बारे में

यूं समझा जाता है रिक्टर स्केल की तीव्रता को, भूकंप आने पर नापते हैं

रिक्टर स्केल पर तीव्रता से ही इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को समझा जाता है. मौसम विज्ञान के वैज्ञानिक वाहिद खान ने बताया कि रिक्टर स्केल पर शून्य से तीन तीव्रता के भूकंप कई बार आते हैं, पर ये सिर्फ दर्ज होते हैं, हम इन्हें महसूस नहीं करते. श्री खान के मुताबिक 3.1 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप हल्के झटके देते हैं. इनके असर से खिडकियां टूट सकती हैं, लेकिन जानमाल का ज्यादा नुकसान नहीं होता. उन्होंने बताया कि रिक्टर स्केल पर 5.0 से 5.9 तीव्रता वाले भूकंप इमारतों में दरार डाल देते हैं और अगर इमारत बहुत पुरानी हो तो गिर भी सकती है. इसके आगे 6.0 से 8.0 तक के भूकंपों को अत्यंत तीव्र बताते हुए श्री खान ने कहा कि इतनी तीव्रता का भूकंप जहां आता है उसके आसपास का पूरा इलाका नष्ट हो जाता है. इसी में सबसे ज्यादा जनहानि होती है. उन्होंने बताया कि 6.0 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप अगर समुद्र क्षेा में आता है, तो वो सुनामी का कारक बन जाता है. आज नेपाल के पोखरा में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.5 दर्ज हुई है.

 
 
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