गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न देखें 'चांद', लग जाएगा 'कलंक'

PICS: गणेश चतुर्थी पर चांद देखना क्यों है वर्जित? अगर भूलवश कर लें चंद्र दर्शन तो...

गणेश चतुर्थी को 'कलंकी चौथ' भी कहते हैं. इस तिथि को चांद देखना वर्जित है. भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार प्राय: सभी शुक्ल पक्ष की चतुर्थियों को खासकर भाद्र शुक्ल चतुर्थी को चंद्र दर्शन निषिद्ध माना गया है. दर्शन से निश्चय ही झूठा कलंक लगता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण पर ‘सूर्यकांत मणि’ की चोरी का झूठा कलंक लगा था. पौराणिक कथा के अनुसार, ‘एक दिन चंद्रमा को अपने सौंदर्य का अभिमान हुआ. उसने गणेश जी का अपमान किया. इसी कारण गणेश जी ने श्राप दिया कि आज से तुम काले हो जाओ और जो भी आज के दिन तुम्हारा मुख देखे वह भी कलंक का पात्र होगा. उस दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी थी. चंद्रमा ने तत्काल क्षमा-याचना की. इस पर गणपति जी ने कहा कि मेरा श्राप तुम्हें केवल भाद्र शुक्ल चतुर्थी को विशेष रहेगा. अन्य चतुर्थियों पर नहीं.’ अगर भूलवश चंद्र दर्शन हो जाये तो उसी के निवारण के लिए सिद्धि विनायक व्रत का विधान किया गया है. इसी के साथ इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं ‘सिंह: प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक:।।’

 
 
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