...जब फिल्मों में उड़ी पतंग

...जब फिल्मों में उड़ी पतंग

मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और बॉलीवुड फिल्म भी इससे अछूता नहीं रहा है। बॉलीवुड की कई फिल्मों में पतंगबाजी और इससे आधारित गीत फिल्माये गये हैं। भारतीय फिल्मों में त्योहार, हर अवसर को बयां करते हजारों गीत फिल्माए जाते रहे हैं और मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के दौरान यदि मकर संक्रांति के उत्सव से जुड़े गाने चला दिए जाएं तो पतंग उड़ाने का जोश ही दुगना हो जाता है। बॉलीवुड की ऐसी कई फिल्में हैं जिनमें पतंग पर गाने और पतंग उड़ाने वाले सीन हैं। फिल्मों में इस त्योहार को गानों के जरिए भी दिखाया गया है। जैसे-जैसे बॉलीवुड का दौर आगे बढ़ा पतंग सिल्वर स्क्रीन पर रंगीन होती गई। साथ ही, पतंग उड़ाने के गाने और उनके सीन और भी ज्यादा दिलचस्प और मजेदार होते चले गए। बॉलीवुड के कुछ ऐसे गीत, जो इस दिन की मस्ती, उड़ती पतंग के उतार-चढ़ाव को हमारी जिंदगी से जोड़कर बेहद ही खूबसूरती से बयां करते हैं। 1957 में रिलीज बलराज साहनी और नंदा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म भाभी में फिल्माया यह गीत ‘चली-चली रे पतंग मेरी चली रे’, चली बादलो के पार हो के डोर पे सवार, सारी दुनिया ये देख-देख जली रे, चली-चली रे पतंग’ आज भी लोकप्रिय है। मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर की आवाज में चिागुप्त के संगीत निर्देशन में इस गीत को राजेंद्र कृष्ण ने लिखा था।

 
 
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