दूसरा नवरात्र: मां का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी

PICS: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना

मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. नवरात्र के दूसरे दिन भगवती मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, अर्चना का विधान है. दधानां कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु। देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा।। साधक एवं योगी इस दिन अपने मन को भगवती मां के श्री चरणों मे एकाग्रचित करके स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और मां की कृपा प्राप्त करते हैं. ब्रह्म शब्द का तात्पर्य है तपस्या. ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तप का आचरण करने वाली ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप ज्योतिर्मय एवं महान है. मां के दाहिने हाथ में जपमाला एवं बाएं हाथ में कमंडल सुशोभित रहता है. यहां ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है. इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप से प्राप्त करने के लिए घोप तपस्या की थी.

 
 
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