'..तो बच जाती बच्ची की जान'

‘सोनम ने मां की गोद में तोड़ दिया दम, हेमा मालिनी के साथ ले जाते अस्पताल तो बच जाती जान’

राजस्थान में दौसा के पास हादसे का शिकार हुई चार वर्षीय सोनम के पिता ने कहा कि अगर उनकी बेटी को भी हेमा मालिनी के साथ अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी भी जान बच सकती थी. सोनम के घायल पिता का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है. बच्ची की मां अभी भी अपनी बेटी की मौत की खबर से अनजान है. सोनम के पिता ने कहा, ‘‘मेरी छोटी सी बच्ची ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया. यह भी दुखद है कि उसकी मां भी एसएमएस अस्पताल के पॉलीट्रॉमा वार्ड में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है और उसे यह पता भी नहीं है कि सोनम अब जिंदा नहीं रही.’’ हनुमान ने दावा किया कि करीब 20-25 मिनट तक उनके परिवार के पांचों सदस्य दुर्घटनाग्रस्त कार में सड़क पर खून से लथपथ पड़े थे जबकि एक डॉक्टर हेमा मालिनी और अन्य को अपनी कार में जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले गए. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हम सभी को दौसा पुलिस साथ ले गई और जिस अस्पताल में हमें ले जाया गया उसकी हालत खराब थी जहां हमारी चोटों का इलाज संभव नहीं था.’’

 
 
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