किन्नर बजा रहे हैं ताली हंस रहे हैं लोग

Pics : कानून बना पर हालात नहीं बदले, किन्नर बजा रहे हैं ताली, हंस रहे हैं लोग

किन्नर समुदाय को देश में 'तृतीय लिंग' के रूप में संवैधानिक मान्यता मिले हुए भले ही एक वर्ष बीत गया हो, लेकिन अभी भी समाज में किन्नरों की दशा में कोई खास सुधार नहीं आया है. इसमें कोई दोराय नहीं कि किन्नर समुदाय आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर पिछड़ा हुआ है. इन्हें अभी भी हीन और तिरस्कृत दृष्टि से देखा जाता है. किन्नरों के प्रति समाज की इसी सोच को बताते हुए पश्चिम बंगाल में किन्नरों के हित में सक्रिय 'एसोसिएसन ऑफ ट्रांसजेंडर' की कार्यकर्ता रंजीता सिन्हा कहती हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले से समाज में हमारी दशा पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा. उनका हमारे साथ व्यवहार नहीं बदला है, क्योंकि सोच एक दिन या एक साल में नहीं बदलती. जरूरत है लोगों के नजरिए को बदलने की.

 
 
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