आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया?

गौरैया संरक्षण दिवस: आंगन से क्यों गायब हो रही नन्ही गौरैया

गौरैया की घटती आबादी के पीछे मानव विकास सबसे अधिक जिम्मेदार है. गौरैया पासेराडेई परिवार की सदस्य है, लेकिन इसे वीवरपिंच परिवार का भी सदस्य माना जाता है. इसकी लंबाई 14 से 16 सेंटीमीटर होती है. इसका वजन 25 से 35 ग्राम तक होता है. यह अधिकांश झुंड में ही रहती है. यह अधिकतम दो मील की दूरी तय करती है. गौरैया को अंग्रेजी में पासर डोमेस्टिकस के नाम से बुलाते हैं. मानव जहां-जहां गया गौरैया उसका हम सफर बन कर उसके साथ गई. शहरी हिस्सों में इसकी छह प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें हाउस स्पैरो, स्पेनिश, सिंउ स्पैरो, रसेट, डेड और टी स्पैरो शामिल हैं. यह यूरोप, एशिया के साथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में मिलती है. इसकी प्राकृतिक खूबी है कि यह इंसान की सबसे करीबी दोस्त है.

 
 
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