स्मोकिंग से करें तौबा

Pics: World No Tobacco Day: तंबाकू को करें सेंसर, नहीं तो हो जाएगा कैंसर

तम्बाकू चाहे उसे खैनी-गुटखे, पान मसाले, पान के जर्दे के रूप में खाया-चबाया जाए या सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, सिगार बनाकर धुएं की शक्ल में शरीर में उतारा जाए, नुकसान करता ही करता है. शायद ही ऐसी कोई बीमारी हो, जो तम्बाकू रूपी खान से न निकलती हो, फिर भी पूरी दुनिया में लोग इसके पागलपन की हद तक दीवाने हैं. तम्बाकू को लेकर दुनियाभर की सरकारों के दो चेहरे हैं. एक के तहत वे तम्बाकू के सेवन की बुराइयां गिनाती हैं तो दूसरा चेहरे पर पैसे की चमक होती है, यानी तम्बाकू उत्पाद से प्राप्त होने वाला राजस्व. पिछली कई सदियों से निषेध और कमाई का दोहरा खेल चल रहा है. कई देशों में तो सिगरेट से मिलने वाले टैक्स को जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों में लगाया गया. यानी पहले दर्द दो फिर दवा. तम्बाकू से होने वाली परेशानियों के बारे में जितना लिखा और कहा गया है, उतना शायद ही किसी अन्य विषय के बारे में कहा गया होगा. इंटरनेट पर कई लाख वेबपेज तम्बाकू के नुकसान को समर्पित हैं. फिर भी लोग बीड़ी-सिगरेट पी रहे हैं. मिर्जा गालिब के अंदाज में कहा जाए तो कमबख्त छूटती ही नहीं मुंह की लगी.

 
 
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