पंद्रहवीं लोकसभा का अंतिम सत्र

 पंद्रहवीं लोकसभा का पांच फरवरी से शुरु अंतिम सत्र

भारत की संसदीय परंपरा के अनुसार अगली लोकसभा का चुनाव करीब होने की स्थिति में पूर्ण बजट पारित नहीं कराके लेखानुदान मांगे पारित करा लिया जाता हैं और पूर्ण बजट पारित करने का काम आने वाली नयी सरकार पर छोड़ दिया जाता है.

 
 
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