गोटमार मेला: ...इसलिए लोग खेलते हैं पत्थरबाजी का खेल

गोटमार मेला: ...इसलिए दो गांव के लोग एक-दूसरे पर बरसाते हैं पत्थर

मेले से जुड़ी हैं कहानियां : इस मेले की परंपरा निभाने के पीछे किंवदंतियां और कहानियां जुड़ी हैं. उसके अनुसार पांढुर्ना के एक युवक और सावरगांव की एक युवती के बीच प्रेम संबंध था. एक दिन प्रेमी युवक ने सावरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्ना लाना चाहा. जैसे ही दोनों जाम नदी के बीच पहुंचे तो सांवरगांव के लोगों को खबर लग गई. इस पर उन्होंने प्रेमी युगल को रोकने के लिये पत्थर बरसाए. वहीं, युवक के गांव पांढुर्ना के लोगों ने भी जवाब में पत्थर बरसाए और दोनों पक्षों के बीच लगातार पत्थरों की बरसात होती रही. इसमें बहुत से लोग घायल हुए और प्रेमी युगल की मौत हो गई. मृत प्रेमी युगल को मां चंडी के दरबार में ले जाया गया जहां दोनों जीवित हो गये. तभी से इस किंवदंती को गोटमार मेले के आयोजन से जोड़ा जाता है.

 
 
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