गोटमार मेला: ...इसलिए लोग खेलते हैं पत्थरबाजी का खेल

गोटमार मेला: ...इसलिए दो गांव के लोग एक-दूसरे पर बरसाते हैं पत्थर

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पांढुर्ना कस्बे में विश्वभर में प्रसिद्ध गोटमार मेला शुक्रवार को मनाया जा रहा है. नदी किनारे पांढुर्ना और सांवरगांव के संगम पर वर्षों पुरानी गोटमार खेलने की परंपरा को निभाते हुए दोनों गांव के लोग एक-दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. पोला पर्व के दूसरे दिन मनाये जाने वाले इस मेले पर भले ही एक-दूसरे को लोग पत्थर मारते हैं, लेकिन फिर भी परंपरा निभाने की खुशी देखते ही बनती है. गोटमार खेलने वाले खिलाड़ी पांढुर्ना और सावरगांव से एक-दूसरे पर पत्थरों की बरसात करते हैं. गोटमार मेले के अवसर पर आराध्य देवी मां चंडिका के मंदिर में भक्तों का मेला लगा हुआ है. इसके समापन पर गोटमार खिलाड़ी झंडेरूपी पलाश के पेड़ को मां के मंदिर में अर्पित करेंगे. दरअसल, गोटमार मेले में नदी के बीचो बीच एक झंडा लगाया जाता है और पांढुर्ना और सांवरगांव दोनों की तरफ से पत्थरबाजी के बीच इस झंडे को उखाड़कर हासिल करने की जंग होती है, जो झंडा लाता है वही विजयी होता है.

 
 
Don't Miss