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- PICS: कब मिलेगी जफर को दो गज जमीन

परिवार वालों की इच्छा के खिलाफ उन्हें रंगून (अब यंगून) के पास श्वेडागॉन पैगोडा के पास दफना दिया गया. अपनी शायरी में खुद को बेकसी का मजार बताने वाले बहादुर शाह की गजल का एक शेर यह बताने के लिए काफी है कि कू-ए-यार (प्रेमी की गली) में न मर पाने की कसक किस तरह उन्हें बेहाल कर रही थी. कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में.
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