Profile: RSS कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री पद तक सफर

Profile:रूपानी का RSS कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री पद तक आसान नहीं रहा सफर

अपने स्कूल के दिनों से आरएसएस के समर्पित कार्यकर्ता रहे विजय रूपानी ने खुद को हमेशा सुर्खियों से अलग रखा और कड़ी मेहनत के दम पर आगे बढ़ते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए. आनंदी बेन पटेल के उत्तराधिकारी बने रूपानी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी समझे जाते हैं. राज्य विधानसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए 60 वर्षीय रूपानी जैन समुदाय से संबद्ध हैं जिसे हाल ही में गुजरात सरकार ने अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है. मुख्यमंत्री पद पर उनकी ताजपोशी को जैन समुदाय को महत्व दिए जाने के तौर पर देखा जा रहा है. गुजरात में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सौराष्ट्र क्षेत्र में खासी पकड़ रखने वाले रूपानी ने दो अगस्त को अपना जन्मदिन अपने गृह नगर राजकोट स्थित अपने आवास में पत्नी और बेटे के साथ मनाया. वर्ष 1956 में रंगून (म्यामां में, अब यंगून) में रमणीकलाल रूपानी के घर पर जन्मे विजय रूपानी का पालन पोषण राजकोट में हुआ जहां वह स्कूल के दिनों से ही आरएसएस में शामिल हो गए. बीए और एलएलबी की डिग्री ले चुके रूपानी जब राज्य पर्यटन निगम के अध्यक्ष थे तब उन्होंने राज्य को पर्यटन गंतव्य के तौर पर लोकप्रिय बनाने के लिए ‘खुशबू गुजरात की’ अभियान चलाया था.

 
 
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