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- मंदिर में 'चुपके चुपके रात दिन...'

अमजद अली ने कहा, ‘हम यहां इस प्रसिद्ध मंदिर के प्रांगण में अपनी प्रस्तुति देने नहीं आते, बल्कि हम यहां भगवान हनुमान का आशीर्वाद मांगने आते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हर संगीतकार की जीवन में कम से कम एक बार इस पवित्र स्थल पर प्रस्तुति देने और भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने की इच्छा होती है.’ उस्ताद गुलाम अली ने ‘दिल में एक लहर’, ‘चुपके चुपके रात दिन’ और ‘हंगामा है क्यों बरपा’ जैसी अर्ध शास्त्रीय गजलें भी प्रस्तुत कीं.
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