यूपी चुनाव: नए चेहरों से चित हुए थे ये धुरंधर

उत्तर प्रदेश चुनाव: नए चेहरों से चित हुए थे ये धुरंधर

कहा जाता है कि राजनीति करने वाले नेताओं को हर पांच साल बाद फिर परीक्षा पास करनी होती है. हालांकि इस परीक्षा का दायरा संसदीय और विधानसभा क्षेत्र के रूप में सीमित होता है. ऐसे में उन प्रत्याशियों पर एक बार नजर जरूर जाती है जिन्होंने राष्ट्रीय या राज्य के राजनीतिक फलक में ऊंचाइयां हासिल की है. इन चुनावों में राजनीतिक फलक पर चमक रहे कई दिग्गजों को नये चेहरों ने विधानसभा और लोकसभा की दहलीज पर पहुंचने से रोका. नामचीन होने के बाद भी अदने से क्षेत्रीय नेताओं से हारने वाले ऐसे नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह, स्व.हेमवती नन्दन बहुगुणा, छोटे लोहिया स्व.जनेश्वर मिश्र, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत सूबे के कई मुख्यमंत्री तक शामिल हैं...... हेमवती नन्दन बहुगुणा: प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए 1984 के लोकसभा चुनाव में फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन ने हेमवती नन्दन बहुगुणा को चुनाव में शिकस्त दी. अमिताभ बच्चन को राजनीति का ककहरा भी नहीं आता था, जबकि बहुगुणा मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक का दायित्व निर्वहन कर चुके थे. मगर जब वह चुनाव हारे तो कांग्रेस से अलग हो चुके थे.

 
 
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