गंगा में डूबीं दो नावें, 40 मौतों का अंदेशा

गंगा में डूबीं दो नावें, 40 मौतों का अंदेशा

चश्मदीदों का कहना है कि शाम करीब पांच बजे एक नाव दियारा से गांधी घाट के लिए चली. उसमें क्षमता से अधिक लोग चढ़ गये. इनकी तादाद 60-65 के करीब बताई जा रही है जिनमें महिलाएं अैर बच्चे भी शामिल हैं. नाव में शुरू से ही पानी भर रहा था. बावजूद इसके, उसमें क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया. नाविक ने उसे आगे तो बढ़ा दिया लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह गंगा में डूबने लगी. इसी बीच एक दूसरी नाव उसी रास्ते से गुजर रही थी. डूबते लोग जान बचाने के लिए उस पर चढ़ने लगे. लिहाजा, वह नाव भी असंतुलित होकर गंगा के गर्भ में समा गई.. उस नाव पर भी पहले से कुछ लोग सवार थे. दोनों नावों के आसपास गंगा में दूसरी नावों पर सवार कुछ नाविकों ने लोगों को बचाने का प्रयास किया. कुछ युवक भी लोगों को सकुशल निकालने में सफल रहे. घायलों को पीएमसीएच में दाखिल कराया गया है. क्या कहता है प्रशासन डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में कई बिन्दुओं पर पड़ताल की जा रही है. दियारा में ही एक डिजनीलैंड मेला भी लगा था. मेला क्षेत्र सारण जिले में पड़ता है. डिजनीलैंड घूमने के बाद वहां से लगभग दो-ढाई सौ की संख्या में लोग पटना की तरफ जाने के लिए नावों का इंतजार कर रहे थे. लिहाजा, भीड़ बढ़ गई. जांच इस बात की भी की जा रही है कि चूक कहां से और किस स्तर से हुई. कुछ मृतकों की शिनाख्त हो गई है. उनके नाम हैं-आरती देवी (32) और अनुष्का (18 महीने) जो विनोद कुमार के परिजन हैं और लॉ कालेज के सामने रहते थे. वहीं अंजलि (4), अर्पिता (साढ़े 4 साल) और उषा देवी विल्टू कामत के परिजन थे. विल्टू लॉ कालेज में चपरासी है. अनुरंजन उर्फ विट्टू (20) रामपुर, काराकाट रोहतास ,सोनू कुमार (20) एकरासी बक्सर की पहचान की जा चुकी है. एसडीआरएफ की टीम रात भर डटी रही राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम गंगा में डूबे लोगों को ढूंढ़ने के लिए रातभर डटी रही. अंधेरे में एसडीआरएफ के 10 बोट लगातार बचाव कार्य में जुटे रहे. एसडीआरएफ के उपसमादेष्टा एके झा खुद लगे हुए थे.

 
 
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