चुनावी मोर्चे में नेताओं की पत्नियां भी डटीं

यपी चुनाव: चुनावी मोर्चे में नेताओं की पत्नियां भी डटीं

जीवन के हर मोड़ पर साथ निभाने की कसम निभाने की कोशिश में इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के महासंग्राम में कई नेताओं की पत्नियां अपने-अपने पतियों की मदद करने और उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटी हैं. इस बार चुनाव में ऐसे राजनेताओं की पत्नियां चुनाव मैदान में हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर जो किसी अन्य कारण से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी सांसद पत्नी डिम्पल पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. बसपा की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी इस बार आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति के आरोपों की वजह से भदोही से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. ऐसे में यहां से उनकी पत्नी प्रमिला धर त्रिपाठी अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. इसी तरह इलाहाबाद की मेजा सीट पर आपराधिक छवि वाले उदयभान सिंह करवरिया ने अपनी पत्नी नीलम करवरिया को भाजपा से टिकट दिलवाया है और उन्हें जिताने के लिए वह भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

 
 
Don't Miss