- पहला पन्ना
- राष्ट्रीय
- यहां मिलती है, नौकरी चोरी की

पटना में इन दिनों एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो पांच हजार रुपये प्रति महीने के वेतन पर चोर की नौकरी देता है. गैंग में बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है और फिर शिकार की तलाश में भेज दिया जाता है. इस गिरोह में जितने भी गुर्गें हैं सभी नाबालिग हैं. इनकी उम्र बारह से लेकर पंद्रह साल के बीच है. ये लोग झारखंड के साहेबगंज, गोड्डा और बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं. गिरोह का सरगना गैंग में नाबालिग बच्चों को भर्ती करता है और इसके एवज में उनके मां बाप को हर महीने चार से पांच हजार रुपये बतौर सैलरी देता है. बच्चों को गैंग में भर्ती करने के बाद उन्हें चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है और ट्रेंड हो जाने पर शिकार की तलाश में भेज दिया जाता है. घटना के दरम्यान गिरोह का सरगना और उसका सहयोगी बच्चों के आसपास ही मौजूद रहता है. चोरी करने के बाद बच्चे सामान को उसके हवाले कर देते हैं.