आतंकी टुंडा यानी बम मास्टर

Photos: आतंकी टुंडा मैकेनिक से बना डॉ. बम

आतंक की फसल: खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक टुंडा आतंक के प्रति रुझान 1985 में हो गया था. मुंबई के मोमिनपुरा झुग्गी बस्ती में रहते हुए वह कट्टरपंथियों के संपर्क में आया. इसी साल महाराष्ट्र में जब मजहबी फसाद हुए तो टुंडा एक अंडरग्राउंड संगठन के साथ जुड़कर काम करने लगा. बाद में बाबरी विध्वंस के बाद वह दाऊद इब्राहीम और अन्य आंतकियों के संपर्क में आया. इसके बाद मुंबई बम ब्लास्ट की स्क्रिप्ट पर काम शुरू हुआ. कहा जाता है कि टुंडा हैदराबाद निवासी मोहम्मद आजम गौरी से बहुत प्रभावित था. मुंबई में आतंकवाद की फसल को सींचने में गौरी का महत्वपूर्ण रोल था.

 
 
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