जैबुन्निसा को मिली एक महीने की मोहलत

मुंबई ब्लास्टः जैबुन्निसा को सरेंडर के लिए मिली एक महीने की मोहलत

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में जैबुन्निसा को भी सरेंडर करने के लिए एक महीने की मोहलत दे दी है. जैबुन्निसा ने राष्ट्रपति के पास सजा माफी की अर्जी लंबित होने और अपनी 70 साल की उम्र और कैंसर की बीमारी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांगी थी. SC ने मुंबई ब्लास्ट के तीन और दोषियों अल्ताफ अली सईद, ईसा मेमन, युसफ नलवाला को सरेंडर करने के लिए राहत देते हुए चार हफ्ते का समय दिया है जिसमें संजय दत्त का दोस्त यूसुफ नलवाला भी शामिल है. नलवाला की रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसलिए उन्होंने सरेंडर करने के लिए और वक्त मांगा था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जैबुन्निसा, इसहाक और अब्दुल गफूर की याचिका खारिज कर दी थी. संजय दत्त की तरह इन लोगों ने भी आत्मसमर्पण के लिए वक्त मांगा था. अब्दुल गफूर को उम्र कैद की सज़ा मिली है. वो 14 साल जेल में गुज़ार चुके हैं. 88 साल के गफूर को संभालने के लिए दो लोगों की ज़रूरत पड़ती है. जैबुन्निसा कैंसर की मरीज हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आत्म समर्पण के लिए कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मर्सी पेटिशन की सुनवाई करते हुए फिल्म अभिनेता संजय दत्त को भी बुधवार को चार हफ्ते का समय सरेंडर के लिए दिया है. संजय दत्त को 1993 के मुंबई बम फिस्फोट से जुड़े एक मामले में 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी. आपको बता दें अभिनेता संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर सरेंडर करने की तारीख बढ़ाने की अपील की थी. संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई धमाका मामले में आर्म्स एक्ट के तहत पांच साल कैद की सजा सुनाई है, जिसमें से वह 18 महीने की सजा पहले ही काट चुके हैं. संजय दत्त को 18 अप्रैल तक सरेंडर करना था. संजय ने दलील दी है कि पुलिसगिरी, जंजीर समेत उनकी सात फिल्मों की शूटिंग बाकी है. इन फिल्मों पर करोड़ों रुपए लगे हैं और अगर वह 18 अप्रैल को सरेंडर कर देते हैं तो फिल्म निर्माताओं को भारी नुकसान होगा. संजय दत्त कह चुके हैं कि वह पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करेंगे. सजा सुनाए जाने के कुछ दिन बाद मीडिया से बातचीत के दौरान वह बेहद भावुक हो गए थे और रो पड़े थे.

 
 
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