रीगल का ’लास्ट डे-लास्ट शो‘ आज

PICS: रीगल का ’लास्ट डे-लास्ट शो‘ आज, आइए जानें इसके इतिहास के बारें में…

पृथ्वीराज कपूर के नाटक ‘दीवार’, ‘पठान’ और ‘गद्दार’ से उठा था. बृहस्पतिवार को इस थिएटर का पर्दा राज कपूर की बहुचर्चित फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’ के साथ हमेशा के लिए गिर जाएगा. फिल्म ‘संगम’ का शो इस थिएटर का आखिरी शो होगा. थिएटर के मालिक इस थिएटर के और कपूर खानदान के साथ अपने जुड़ाव को सम्मान देते हुए इन दोनों फिल्मों के साथ रीगल को इतिहास के पन्नों में दर्ज कराना चाहते हैं. 1932 में रीगल थिएटर की शुरुआत हुई थी. उस समय पृथ्वीराज कपूर यहां अपने नाटकों का मंचन करते थे. यह सिलसिला 1938 तक चला. इसके बाद सिनेमा टॉकीज की शुरुआत हुई, जिसमें मूक फिल्में दिखाई जाती थीं. धीरे-धीरे बोलती फिल्मों का दौर शुरू हुआ और रीगल दिल्ली ही नहीं, फिल्म इंडस्ट्री के लोगों की जुबान पर चढ़ गया. रीगल सिनेमा के मैनेजर अमर सिंह वर्मा के अनुसार यह सिनेमाहॉल 2006 तक दयाल परिवार के पास किराए पर था. 2006 में जम्मू के रहने वाले एके महाजन ने रीगल सिनेमा को खरीद लिया.

 
 
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