पूजा भी गया, आलोचना भी हुई

Photos: मदर टेरेसा को पूजा भी गया, आलोचना भी हुई

मदर टेरेसा का सम्मान करने वालों के लिए उन्हें कैथलिक संत की उपाधि दिया जाना बहुत बड़ा घटनाक्रम है. ओट्टोमन अंपायर से भारत की झुग्गियों तक के एक नन के सफर में वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिलाओं में शामिल हुईं. कई लोगों ने उनके जीवनकाल में ही उन्हें संत का सम्मान दिया था. कोलकाता के दीन-दुखियों के साथ काम करने और मिशनरीज ऑफ चैरिटी बनाने के अपने करीब चार दशकों के दौरान उन्हें ‘सेंट ऑफ द गटर्स’ और ‘एंजिल ऑफ मर्सी’ की उपाधियों से सम्मानित किया गया. लेकिन एक और सोच थी. ऑस्ट्रेलिया की नारीवादी जर्मेन ग्रीयर ने मदर टेरेसा को ‘धार्मिक साम्राज्यवादी’ कहा था जिन्होंने जीसस के नाम पर कमजोर लोगों को लूटा. मदर टेरेसा के सबसे मुखर आलोचक क्रिस्टोफर हिचेन्स ने उन्हें ‘कट्टरपंथी, रुढ़िवादी और धोखेबाज’ कहा. लेकिन टेरेसा की आलोचना से अधिक उन्हें पूजा ही गया. लाखों लोग उन्हें ईसाई परोपकार का प्रतिरूप कहते थे और भौतिकवाद रोधी दुनिया का प्रतीक मानते थे.

 
 
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