...जब फिदेल कास्त्रो ने इंदिरा गांधी को अचानक लगाया गले

PICS: कास्त्रो के भारतीय नेताओं के साथ थे प्रगाढ़ सम्बन्ध

फिदेल कास्त्रो ने 1983 के दिल्ली में हुए गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में इंदिरा गांधी से गले मिलकर उनका अभिवादन किया था जो उनके भारत के साथ प्रगाढ़ सम्बन्धों को प्रदर्शित करता था. भारत ने इस विख्यात नेता को सदैव अपने एक बड़े मित्र के रूप में देखा था. दिवंगत पण्डित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारत उन प्रथम चंद देशों में शामिल था जिन्होंने 1959 की क्रांति के बाद क्यूबा को मान्यता दी थी. कास्त्रो की अगुवाई में हुई क्रांति में फ्लूजेनिको बतिस्ता शासन को अपदस्थ किया गया था. साम्यवादी क्यूबा पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबन्धों की परवाह नहीं करते हुए शीतयुद्ध दौर के शुरू से भारत ने करीब छह दशक तक उसके साथ राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृति और लोगों के बीच सम्पर्क कायम रखे. बाद में अमेरिका को भी अपने रूख की समीक्षा करनी पड़ी. नेहरू ने ही इस महान क्यूबाई नेता से सम्पर्क कर कहा था कि गुटनिरपेक्ष राष्ट्र उनके नेतृत्व को बहुत उम्मीद से देखते हैं. कास्त्रो का शुक्रवार रात्रि 90 वर्ष की आयु में निधन हुआ. उन्होंने 1960 में तब पांच सितारा होटलों में रूकने से इंकार कर दिया गया जब वह न्यूयार्क में संरा महासभा में भाग लेने गए थे. थेरेसा होटल के मालिक वहां आये तथा उन्हें तथा उनके शिष्टमंडल को अपने होटल में रूकने का न्यौता दिया था. उस समय महत्वपूर्ण हस्तियां वहां उनसे शिष्टाचार भेंट करने आई थीं.

 
 
Don't Miss