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- वरुण गांधी ने भरा पर्चा
जुलूस के दौरान समर्थक ‘वरूण नहीं ये आंधी है, सुलतानपुर का गांधी है’ जैसे नारे लगा रहे थे. अपने प्रचार की शुरुआत में वरूण ने मोदी के नाम का उल्लेख नहीं किया और अपने पिता संजय गांधी के नाम के सहारे मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की. सीट बदलकर सुलतानपुर आने के बाद उन्होंने अमेठी में राहुल गांधी के काम की सराहना की जिससे राजनीतिक भूचाल आ गया और उन्हें अपने बयान पर स्पष्टीकरण देना पड़ा.
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